मुरलीपुर नहर में बिना रेलिंग का पुल गिरा,आवागमन बंद

* मुरलीपुर-शाहनेवाजपुर गांव को जोड़ने वाली गंडक नहर पुल ध्वस्त,किसान व मवेशी बाल-बाल बचे
* ब्रिटिशकालीन गंडक नहर पुल वर्षो से बिना रेलिंग का था आज पुल ही ध्वस्त हो गया
तरैया/सारण: प्रखंड के पचभिण्डा पंचायत के मुरलीपुर – शाहनेवाजपुर गांव से गुजरने वाली गंडक नहर का बिना रेलिंग के जर्जर पुल गुरुवार की अहले सुबह ध्वस्त हो गया. मुरलीपुर गांव के किसान किशोरी मांझी कंधे पर हल व बैल के साथ बिना रेलिंग के जर्जर पुल से जा रहे थे कि पुल के उत्तरी भाग टूटकर गिर पड़ा. पुल टूटने से दोनों बैल नहर में जा गिरे.
दोनों बैल आंशिक रूप से घायल होने के बाद भी नहर के पानी में तैर कर बाहर निकल गये. वहीं किसान किशोरी मांझी कंधे पर हल लिए थे जो बाल – बाल बच गये. उक्त गंडक नहर में ब्रिटिशकालीन जमाने में मुरलीपुर – शाहनेवाजपुर गांव के लोगों को तरैया बाजार व अन्य जगहों पर जाने के लिए एक छोटा सा पुल मात्र चार फीट चौलाई वाला बनाया गया था. उक्त पुल से पैदल, साइकिल, मोटरसाइकिल से ग्रामीण व स्कूली बच्चे आते जाते थे. गंडक नहर पुल टूटकर ध्वस्त होने से अब मुरलीपुर, शाहनेवाजपुर, पचभिण्डा गांव के ग्रामीणों व स्कूली बच्चों को तीन से चार किमी की दूरी तय कर तरैया बाजार व हाई स्कूल देवरिया पहुंचना पड़ेगा.
बता दें कि उक्त पुल के दोनों तरफ मुरलीपुर व शाहनेवाजपुर गांवों के काफी घना बस्ती है. गंडक नहर पुल के उत्तरी भाग के हिंदू व मुस्लिम दोनों समुदाय के लोगों को दक्षिणी भाग में जाना पड़ता है. दक्षिणी भाग में ही मुस्लिम लोगों का मस्जिद है जहां प्रतिदिन नमाज के लिए आना जाना पड़ता है तथा हिंदू लोगों का भगवती स्थान व शाहनेवाजपुर गांव के प्रसिद्ध शिव मंदिर में पूजा पाठ को जाना पड़ता है. पुल ध्वस्त होने के कारण आम से खास तक के लोगों अब काफी परेशानियों से गुजरना पड़ेगा. पचभिण्डा पंचायत के मुखिया यास्मीन खातून के प्रतिनिधि मो. आजाद उर्फ टनटन ने बताया कि घर के समीप बिना रेलिंग के जर्जर नहर पुल से दो गांवों के एकलौते हल व बैल रखने वाले किसान किशोरी मांझी का बैल गिर पड़ा.
पुल की जर्जर स्थित को देखते हुए कई बार बांस बल्ले बांध कर चलने लायक बनाये गये थे. 20 वर्षो से पुल का रेलिंग व पुल जर्जर हो गया था. जो गुरुवार को टूटकर ध्वस्त हो गया. इस जर्जर पुल की शिकायत मुरलीपुर – शाहनेवाजपुर के ग्रामीणों के द्वारा पूर्व व वर्तमान विधायक व सांसद , बीडीओ,गंडक नहर विभाग व सारण डीएम से कर चुके है. लेकिन न नये पुल की स्वीकृति मिली न पुल का जीर्णोद्धार तक हुआ.