बिहार से कोई बच्चा मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना चाहिए, इसे पूरा किए बगैर मानूंगा नहीं, दुनिया इधर की उधर हो जाए लेकिन मैं पीछे हटने वाला नहीं: प्रशांत किशोर

मधुबनी: जन सुराज पदयात्रा के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने जिले के बिस्फी प्रखंड के जफरा में मंगलवार को प्रेस वार्ता की। इस दौरान प्रशांत किशोर ने कहा कि बिहार से कोई बच्चा पलायन के लिए, मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना चाहिए। इसको पूरा किए बगैर मानेंगे नहीं। आप उम्मीद नहीं विश्वास रखिए कि दुनिया इधर से उधर हो जाए लेकिन प्रशांत किशोर पीछे हटने वाला नहीं है। आप आशीर्वाद दीजिए कि 2-3 वर्ष के प्रयास से बिहार में सुधार हो। उम्मीद ये कीजिए कि जो संकल्प लेकर चले हैं कि अगले 10 साल में बिहार को देश के अग्रणी 10 राज्यों में शामिल करके दिखाएंगे, वो पूरा हो। उम्मीद ये कीजिए कि अपने जीवनकाल में जब लोग पंजाब से, गुजरात से, महाराष्ट्र से, तमिलनाडु से आकर बिहार में मजदूरी और रोजगार करेंगे। हम वो दिन भी देखें, ये उम्मीद करके हम लोग आए हैं। सरकार बनाना, चुनाव जीतना इसके लिए हम इतना बड़ा प्रयास नहीं कर रहे हैं। वो काम 6 महीने, 8 महीने करके पूरे देश में हमने दिखाया है। इतना बड़ा प्रयास उस सपने के लिए है कि बिहार से पलायन रुकना चाहिए। बिहार से कोई बच्चा पलायन के लिए, मजदूरी के लिए बाहर नहीं जाना चाहिए। इसको पूरा किए बगैर मानेंगे नहीं। आप उम्मीद नहीं विश्वास रखिए कि दुनिया इधर से उधर हो जाए लेकिन प्रशांत किशोर पीछे हटने वाला नहीं है। इसमें दो वर्ष लगे, चार वर्ष लगे या जितनी मेहनत लगे, जितना संसाधन लगे, जितनी व्यवस्था बनानी पड़े लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे।

मिट्टी का कर्ज वापस करने के लिए 15 महीने से मैं गांव-गांव चल रहा हूं पैदल, अगर मैं नहीं करूंगा तो और कौन करेगा: प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा कि आपने अगर 75 साल में बिहार में मेरी जितनी मेहनत करते हुए किसी को देखा हो तो बता दीजिए। बीते 15 महीने से मैं अपना घर छोड़कर गांव-गांव पैदल चल रहा हूं, ऐसा मैं इसलिए कर रहा हूं क्योंकि मैं समझता हूं कि बिहार का बेटा होने के नाते मेरे पर ये कर्ज है। अगर मेरे जैसा बेटा ये प्रयास नहीं करेगा तो और कौन करेगा। इस मिट्टी का कर्ज वापस करना है और इसको किए बगैर मैं पीछे हटने वाला नहीं हूं।
बता दें कि प्रशांत किशोर ने मंगलवार को कुल 10 किलोमीटर तक की पदयात्रा की। जफरा पंचायत के जफरा गांव से पदयात्रा शुरू कर वे सिमरी गांव, सलेमपुर, भोजपंडौल, खैरी बांका उत्तरी के दुल्हा पट्टी तक गए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *