क्या ड्रोन हमले के पीछे है पाकिस्तान का हाथ, जम्मू एयरफोर्स स्टेशन धमाकों पर उठे सवाल..

जम्मू। जम्मू में उच्च सुरक्षा वाले हवाईअड्डे के वायुसेना के अधिकारक्षेत्र वाले हिस्से में रविवार तड़के विस्फोटक से लदे दो ड्रोन गिरे जिससे धमाका हुआ। जम्मू कश्मीर के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) दिलबाग सिंह ने धमाकों को आतंकवादी हमला करार दिया।

जम्मू एयर फ़ोर्स स्टेशन भारतीय वायु सेना के लिए कितना महत्वपूर्ण है?पहला विस्फोट तड़के एक बजकर 40 मिनट के आसपास हुआ जिससे हवाई प्रतिष्ठान के तकनीकी क्षेत्र में एक इमारत की छत ढह गई। इस स्थान की देखरेख का जिम्मा वायुसेना उठाती है और दूसरा विस्फोट छह मिनट बाद जमीन पर हुआ। विस्फोट में वायुसेना के दो कर्मी घायल हो गए।

जम्मू हवाईअड्डे और अंतरराष्ट्रीय सीमा के बीच हवाई दूरी 14 किलोमीटर है। जांच में जुटे अधिकारी दोनों ड्रोन के हवाई मार्ग का पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं। यह सवाल भी उठ रहे हैं कि क्या ड्रोन हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ है।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के कार्यालय ने बताया कि उन्होंने वायुसेना के उपप्रमुख एयर मार्शल एचएस अरोड़ा से विस्फोटों के संबंध में बात की।

भारतीय वायुसेना ने ट्वीट किया कि जम्मू वायुसेना स्टेशन के तकनीकी क्षेत्र में रविवार तड़के कम तीव्रता वाले दो विस्फोट होने की सूचना मिली। इनमें से एक विस्फोट में एक इमारत की छत को मामूली नुकसान पहुंचा, जबकि दूसरा विस्फोट खुले क्षेत्र में हुआ। किसी भी उपकरण को कोई नुकसान नहीं हुआ। असैन्य एजेंसियों के साथ मिलकर जांच की जा रही है। एयर मार्शल विक्रम सिंह स्थिति का जायजा लेने जम्मू पहुंच रहे हैं।
इससे पहले, रक्षा प्रवक्ता ने कहा कि जम्मू में वायुसेना स्टेशन में धमाके की खबर मिली है। इसमें कोई जवान हताहत नहीं हुआ है और न ही कोई साजो-सामान क्षतिग्रस्त हुआ है।

सूत्रों ने बताया कि हवाई प्रतिष्ठान में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों और भारतीय वायुसेना के अधिकारियों की उच्चस्तरीय बैठक हुई। वायुसेना, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) सहित विभिन्न एजेंसियों की जांच टीम भी हवाई प्रतिष्ठान पहुंच गई हैं।
उल्लेखनीय है कि जम्मू हवाईअड्डा एक असैन्य हवाईअड्डा है और एटीसी (वायु यातायात नियंत्रण) भारतीय वायुसेना के अधीन है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *