केन्द्रीय बजट से बिहार को मिली निराशा, जनता को बुड़बक बनाना मोदी और नीतीश की फितरत – महासेठ

छपरा। सारण : नीति आयोग के हालिया रिपोर्ट के अनुसार बिहार देश का सबसे गरीब, सबसे पिछड़ा, सबसे अशिक्षित और सबसे बेरोज़गारी वाला राज्य बना हुआ है। फिर भी सबकुछ जानते हुए देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को बिहार के चतुर्दिक विकास की कोई फ़िक्र कभी नहीं रहा है और यही कारण है कि केन्द्र सरकार ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने से पहले ही इन्कार कर दिया और आज़ के बजट में कुछ भी ऐसा नहीं किया है जिससे बिहारियों का भला हो सके। उक्त बातें आज़ जन सुराज,सारण के मुख्य प्रवक्ता कुलदीप महासेठ ने कही है। श्री महासेठ ने कहा है कि नीतीश कुमार यह जानते हुए कि बिहार विशेष राज्य का दर्जा प्राप्त करने के मानकों में नहीं है यानी उसकी अर्हता पूरी नहीं करता फिर भी बिहार की जनता को बुड़बक बनाकर वोट ठगने के लिए 19 वर्षो से यह मांग केन्द्र सरकार से करते रहे हैं। बजट में रोजगार, शिक्षा, बाढ़ से बचाव और खेती -किसानी को बेहतर बनाने का कोई उत्तम प्रावधान नहीं किया गया और ना ही कोई विशेष पैकेज की घोषणा की गई।‌ यह बजट बिहारी भाइयों के लिए लौलीपाप और झुनझुना है। केन्द्र में जदयू के समर्थन की मोदी सरकार है तो बिहार में भाजपा के समर्थन से नीतीश सरकार है। फिर भी मुख्यमंत्री की मांग को पीएम मोदी ने रद्दी की टोकरी में डालकर उन्हें उनकी औकात बता दी है।‌ ज्ञात हो कि जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर जी बार – बार यह सवाल उठाते रहे हैं कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी दस वर्षों में कभी बिहार के विकास के नाम पर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक नहीं की। बिहार को चन्द सांसदों की लालच में नकारा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथ गिरवी रखने वाले पीएम मोदी गुजरात में फैक्ट्रियां खोलवा रहे हैं और एक लाख करोड़ की लागत से बुलेट ट्रेन बनवा रहे हैं लेकिन बिहार को पैसेंजर ट्रेन भी नहीं दे रहे हैं।

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